Jai Shree Radha-Krishna JI

Special Message To World : Spread Peace & Love Towards Humanity

Message – 1

अगर हमारे साथ कुछ अच्छा होता है तो हमें लगता है कि भगवान हमारे साथ है और हमारी भगवान के प्रति आस्था बढ़ने लगती है |

और

यदि हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो हमें लगता है कि भगवान हमारे साथ नहीं है और हमारी भगवान के प्रति नफरत बढ़ने लगती है |

इस संदर्भ में कहाँ गया है – भगवान तो भगवान ही होता है, चाहे फिर भगवान से नफरत करों या फिर चाहे प्रेम करों |

महाभारत में भगवान श्रीकृष्णा जी ने कहाँ है – अगर किसी मनुष्य के साथ अन्याय होता है तो उसके पास सिर्फ 2 मार्ग होते है :

1) ( सर्वनाश का मार्ग ) प्रतिशोध लेना : जो खुद के साथ हुआ है , वही सबके भी साथ हो |

२) ( मोक्ष का मार्ग ) रक्षा करना : जो खुद के साथ हुआ है , वह संसार में कभी भी और किसी के साथ भी कभी ना हो |

अब यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वो सर्वनाश के मार्ग पर चलना चाहता है या फिर मुक्ति के मार्ग पर |


Message – 2

एक बार पति और पत्नी एक साथ बाज़ार घूमने जाते है | इधर-उधर काफी देर तक सामान की खरीदारी करने के बाद एक चाय की दुकान पर चाय पीने के लिए दोनों पति और पत्नी जाते है |

तभी 4 मिनट बाद एक छोटा सा लड़का जिसकी उम्र लगभग 15 से 16 साल होगी, वहां आता है और उस औरत का बैग उठाकर वहां से भाग जाता है |

यह हरकत उस औरत का पति देख लेता है और अपनी पत्नी का बैग वापस हासिल करने के लिए उस लड़के ( चोर ) के पीछे भागता है |

लड़के ( चोर ) का पीछा करते-करते आधा घंटा लग जाता है और वह आदमी उस लड़के ( चोर ) को पकड़ लेता है, और कहता है कि :

” कोई भी मनुष्य अपनी इच्छा से चोरी जैसा गलत काम नहीं करता “, ” भूख और गरीबी मनुष्य से ऐसा अपराध करवाती है “, ” इसलिए मैं तुम्हें दोषी नहीं मानता , यह बैग मुझे दे दो और यहाँ से चले जाओं “

इतना कहते ही आस-पास के लोग उस लड़के ( चोर ) की पिटाई करने के लिए और पुलिस के हवाले करने के लिए वहां पैर एकत्रित हो जाते है | तोह उस लड़के ( चोर ) को उन सभी से बचाने के लिए वह आदमी ( जो उस औरत का पति है जिसका बैग लेकर लड़का भागा था ) कहता है :

” सब के सब रुक जाओं इस लड़के की और देखो और जरा अपनी और देखो , क्या तुम्हें कुछ फर्क नहीं दिखता “,

” एक तरफ आप सभी हो जिनके पास नौकरी है, सामान खरीदने के लिए दौलत है, रहने के लिए अच्छा घर है, तन ढ़कने के लिए सुंदर वस्त्र है, पीने के लिए शुद्ध जल और खाने के लिए स्वादिष्ट भोजन है, एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए यातायात के साधन है “

और

” एक तरफ यह छोटा सा मासूम लड़का है जिसकी उम्र अभी सिर्फ 15 या 16 साल है, जिसके पास ना तो घर है, ना तो यातायात का कोई साधन है, ना तो खाने के लिए स्वादिष्ट भोजन है और ना ही पीने के लिए शुद्ध जल है, ना तो तन ढ़कने के लिए सुंदर वस्त्र है, ना तो नौकरी है और ना ही सामान खरीदने के लिए दौलत है “

ऐसी हालत में यह चोरी जैसा काम ना करें तो क्या करें | इसने अपना पेट भरने के लिए चोरी की है अगर इसके पास नौकरी होती तोह शायद इसे यह निंदनीय काम नहीं करना पड़ता जो इसने आज किया है | आप सभी लोग यदि कोई कदम उठाना ही चाहते है तो ऐसे लड़को को जिनके पास रोज़ी-रोटी कमाने का कोई साधन नहीं है, इन सभी को रोज़गार दिया जाए ताकि ये सब भी अपनी ज़रूरतों को पूरा कर सके और किसी के भी अपना सर न झुकाएं | सबकी तरह ये सब भी एक अच्छे नागरिक का जीवन व्यतीत कर सकें |

“महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर से कहाँ है : चोरी सिर्फ वहीँ होगी जहाँ एक जगह सब कुछ होगा और दूसरी जगह कुछ भी नहीं | ”

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